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संविधान की प्रस्तावना में 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द - एक तार्किक विश्लेषण

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  संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार द्वारा जोड़े गए दो शब्द “सेक्युलर” और “सोशलिस्ट” जिनका हिन्दी रूपांतरण क्रमशः “पंथ-निरपेक्ष” और “ समाजवादी ” के रूप में किया जाता है, भारतीय राजनीति में एक प्रमुख मुद्दा हैं। एक तरफ कांग्रेस (वर्तमान में उसकी अन्य सहयोगी पार्टियां भी) जहां इन शब्दों को बनाए रखने के पक्ष में हैं दूसरी तरफ हिन्दुत्व विचारों से जुड़े हुए राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठन इस प्रस्तावना संशोधन का विरोध करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी में एक वर्ग इस विरोध के स्वर को मुखरता से उठाता है परंतु विभिन्न कारणों से भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट रूप से प्रस्तावना पर अपने विचार नहीं रखती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नें हाल ही में इस विषय पर स्पष्टता से बात रखी जब राष्ट्रीय सह-कार्यवाह होसबोले जी नें इस विषय पर वक्तव्य किया।   दोनों शब्दों का विरोध नया नहीं है बल्कि 1976 के बाद से ही अलग-अलग स्थानों पर अनेक संगठनों नें इस विषय को उठाया है परंतु राजनीतिक दलों में इसको लेकर न कभी मुखरता देखी गई और न ही अकादमिक चर्चा के केंद्र में यह विषय रह पाया। इन दोनों ...

प्लेटो और अरस्तू पर भारतीय दर्शन की छाप

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  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें जब विकसित भारत के लक्ष्य को राष्ट्र के सामने रखा तब उन्होंने कहा था कि किसी भी राष्ट्र के जीवन में एक ऐसा कालखंड अवश्य आता है जब वह अपनी प्रगति की यात्रा को तेज कर सकता है। वर्ष 2022 से वर्ष 2047 तक आगामी 25 वर्ष ऐसा ही अमूल्य कालखंड भारत के लिए है। यह भारत के इतिहास का न सिर्फ निर्णायक युग है बल्कि एक लंबी छलांग लगाने को भी भारत तैयार है। इस अवधि में केवल नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करना लक्ष्य नहीं है बल्कि जो खो चुका उसे वापस पाना और जो भुला चुके उसपर पुनः अधिकार साबित करना भी एक कार्य है।   भारत सरकार बहुआयामी तरीके से अमृत काल में कार्यरत है परंतु महत्वपूर्ण है अकादमिक भागेदारी जिसकी जिम्मेदारी इस देश के युवाओं विशेषकर शोधार्थियों पर है। भारत नें अनेक ऐसी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है जिसमें विश्व की अनेक सभ्यताएं नष्ट हो गईं परंतु एक विशेष ऊर्जा समय समय पर भारत को जीवंत बनाए रखने के लिए कार्य करती है। भारत की पवित्र भूमि में एक विशिष्ट ऊर्जा और जीवन शक्ति समाहित है जिसनें न सिर्फ आदि काल से इस धरा को सुरक्षित रखा बल्कि हर हमले के बाद पुनः...