रामायण के पुनः प्रसारण ने राष्ट्र को जगाया

समाज की नियति , राष्ट्र का भाग्य , काल चक्र और सत्ता के लिए अवसर , जब इन चारों का मिलन होता है तो वह गाथा लिखी जाती है जिसकी कल्पना कभी नही की जा सकती। विश्व में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा तो एक के बाद एक ऐसी घटनाएँ घटी जो कि कल्पना से परे थी। इस महामारी ने उन देशों को हिला कर रख दिया जिनके हर छोटे बड़े फैसले से विश्व प्रभावित होता है। अमेरिका , यूरोप और एशिया की आर्थिक , सैन्य महाशक्तियां जैसे चीन , भारत , जापान , कोरिया आदि सभी कोरोना से प्रभावित हुए। किसी भी देश के लिए कोरोना वायरस आर्थिक , सामाजिक और राजनैतिक नुकसान लेकर आया सिवाय भारत के। भारत इसमें अपवाद है क्योकि आर्थिक नुकसान तो हुआ लेकिन हमारा राजनैतिक और सामाजिक नुकसान नही हुआ। विश्व में आये बदलाव के बिलकुल अलग भारत ने सामाजिक और राजनैतिक मजबूती के लिए इस महामारी को इस्तेमाल किया। जैसा कि मैंने शुरू में कहा.. "समाज की नियति , राष्ट्र का भाग्य , काल चक्र और सत्ता के लिए उपयुक्त अवसर , जब इन चारों का मिलन होता है तो वह गाथा लिखी जाती है जिसकी कल्पना कभी नही...