विश्व में बड़े बदलाव का समय - कोरोना वैश्विक महामारी

अनुभव हमें मजबूत बनाता है। मानव सभ्यता अगर आज उन्नत है तो इसके पीछे हजारों वर्ष का अनुभव ही आधार है। अपनी गलतियों से सीखना, कुछ नया करके देखना, कुछ नया जानने की कोशिश करना या किसी आपातकालीन स्थिति में हमारे द्वारा लिया गया निर्णय यह सब हमको प्रतिदिन विकास के पथ पर अग्रसर करते हैं। मानव सभ्यता ने इतिहास में अनेकों समस्याओं, चुनौतियों को झेला। इन्ही समस्याओं के अनुसार अपने को ढाला। जो लोग अपने को परिवर्तित करने में सक्षम हो पाए वो आगे बढ़ गये और जो नही हो पाए वो वंही समाप्त हो गये। समस्याओं के कारण ही एकजुटता हमारे स्वभाव का हिस्सा बनी। परिवार और गाँव की व्यवस्था इसी मानव स्वभाव के कारण है। परिवार से गाँव, गाँव से कस्बे या शहर, शहरों से राज्य और राज्यों से मिलकर देश बना। (सांस्कृतिक एकता राष्ट्र का आधार है) अगर बात करें अपने देश भारत की तो हमारा इतिहास दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा पुराना है और आज भी सुरक्षित है। दुसरे देशों का या तो जीवन इतना उन्नत नही था या फिर उनका इतिहास ही समाप्त हो गया। यहाँ भी वही बात आती है कि उन देशों के सामने समस्याएँ आई होंगी और वो उसका सामना नही क...